लगभग एक महीने के अंतराल के बाद इलाहाबाद विश्विद्यालय में (Allahabad University) अब कक्षाएं शुरू की जाएंगी।इसके लिए विश्विद्यालय प्रशासन तैयारियों में जुट गया है।
पिछले लगभग एक महीने से विश्विद्यालय में गर्मी की छुट्टी चल रही थी जिस वजह से कक्षाओं का संचालन नहीं हो पा रहा था।खबरें हैं की 7 जुलाई से विश्विद्यालय पूरी तरह से खुल जायेगा परंतु विश्विद्यालय के खुलने को लेकर अभी कोई ऑफिशियल नोटिस नहीं जारी की गई है।
चलाई जायेंगी तृतीय वर्ष की कक्षाएं
विश्विद्यालय खुलने के बाद तृतीय वर्ष की कक्षाएं भी शुरू की जायेंगी। द्वितीय वर्ष से तृतीय वर्ष में प्रमोट किए गए छात्रों की कक्षाएं प्रमोशन के बाद से ही बंद है।छात्रों के विरोध के बाद विश्विद्यालय प्रशासन द्वारा यह स्पष्ट किया गया था की गर्मी की छुट्टी के बाद ही तमाम कक्षाएं शुरू की जायेंगी।मालूम हो की ऑफलाइन परीक्षा के विरोध में 43 दिन चले छात्रों के आंदोलन के बाद विश्विद्यालय प्रशासन तृतीय वर्ष के छात्रों की परीक्षा ऑनलाइन जबकि द्वितीय वर्ष के छात्रों को प्रमोट कर तीसरे वर्ष में भेज दिया गया था।
छात्रों को फीस जमा कर , कराना होगा एनरोलमेंट
तृतीय वर्ष में प्रमोटेड छात्रों को ऑफलाइन कक्षा के लिए सबसे पहले फीस जमा करना होगा।फीस जमा करने के उपरांत संबंधित विभागों में उन्हें एनरोलमेंट के लिए जाना होगा।इसके बाद ही छात्र कक्षा का लाभ ले पाएंगे।फीस जमा करने का नोटिस जल्द ही विश्विद्यालय द्वारा जारी किया जाएगा।
प्रथम वर्ष के छात्रों को प्रमोट करने की चल रही है मांग
इधर प्रथम वर्ष के छात्रों को प्रमोट करने की मांग भी तेज हो रही है।छात्रों का कहना है की प्रमोशन से सत्र पटरी पर आ सकेगा।इलाहाबाद विश्विद्यालय (allahabad university) में एलएलबी प्रथम एवम चतुर्थ सेमेस्टर के छात्र भी प्रमोशन को लेकर कई दिनों से आंदोलनरत हैं।शुक्रवार को भी सैकड़ों छात्रों ने परीक्षा नियंत्रक कार्यालय का घेराव कर हंगामा किया था।छात्रों का कहना है की जबतक मांग पूरी नहीं हो जाती तबतक धरना जारी रहेगा।छात्रों ने कहा की कोरोना के चलते सत्र काफी लेट चल रहा है। छह माह का सेमेस्टर होता है लेकिन 1 माह के कक्षाओं के आधार पर परीक्षा कराई जा रही है।छात्रों के क्लैट परीक्षा को लेकर भी संशय बरकरार है।23 दिसंबर से क्लैट परीक्षा का आयोजन होना है।इसमें शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को पांचवें सेमेस्टर के मार्कशीट की जरूरत पड़ेगी।छात्रों का कहना है की अगर इसी रफ्तार से सत्र का संचालन किया गया तो क्लैट परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे।